चाँद का दीदार तू हर दफ़ा करना…
जैसे रहता हैं वो हमेशा…
तू भी वैसे ही रहना…
माना कि एक रात…
अमावस बनकर आएगी…
ग़र हो सके तो उस रात के बाद…
तू भी लौट आना…
जब भी कुछ अधूरा सा लगे…
तू पूरा होने का इंतज़ार करना…
वक़्त लगता हैं अपनी रोशनी को फ़ैलाने में…
तू बस उस वक़्त का इंतज़ार करना…
थोड़ा सा सूरज को भी अस्त होने देना…
वक़्त लगता हैं किसी का चाँद होने में…
तू भी एक दिन वहीं चाँद हो जाना…
जैसा रहता हैं वो हमेशा…
तू भी बस वैसे ही रहना…
~तरुण
वो चाँद…

क्या बात
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शुक्रिया Anupama ji 🙏
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