माँ, मुझे इतना ज़रूर मालूम हैं कि...मेरी कहानी को लिखा तुने हैं...एक नेक शुरुआत के साथ...मग़र इसका अंत कहा होगा ये नहीं मालूम...और शायद तुझे भी नहीं मालूम होगा ना...अगर होगा भी तो, तू बताएगी थोड़ी ना...माँ जो हैं तू... अंत से बढ़कर अनंत तक... माँ, इस घर में तुम हो, पापा हैं, बहने भी... Continue Reading →
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