Ramadan…

सजदे मे खुदा के…
चल आज इबादत करते हैं…
सहरी से इफ्तारी तक…
चल आज दुआएं लेते हैं…

चाँद कभी अधूरा भी होगा… किसी रात वो पूरा भी होगा…
चल आज नमाज़ी बनकर…
उस ख़ुदा से मिलते हैं…

~तरुण

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