सैनिक…

कोई गीत गुनगुना रहा था…
कोई अपनो को याद कर रहा था…
कोई खत छुपा कर आया था तो
कोई वादा करके आया था…

हाँ, वो जवान ही था…

जो घर से कही दूर जा रहा था…

नमन करता हू उनके जज्बे को…
नमन करता हू उनके हौसले को…
नमन करता हू उनकी शहादत को…

याद रखना… तू गया तो है दूर देश से…

मगर ज़िंदा रहेगा हर दिल मे,
आग बनकर…
रोशनी बनकर…
याद बनकर…

~तरुण

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