तू धूप हो जाना…

कभी कभी बारिश से मिलने…
धूप भी आ ही जाया करती हैं…
कुछ कुछ बूँदों में छनती हैं…
तो कुछ आसमाँ में बिखरती हैं…
और एक रंगीन धनुष बनाती हैं…

तुम भी वहीं धूप हो जाना…
चाहें कितनी बारिशें हो…
कभी तो तुम भी आ जाना…
एक पल के लिए ही सही…
मिलना और बिखर जाना…
रंगीन ना सही…
एक हसीन सी मुलाकात दे जाना…
~तरुण

11 thoughts on “तू धूप हो जाना…

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      1. लग रहा है आप “शुक्रिया” को अंग्रेजी में लिखना भूल जा रही हैं !!😝😝

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